छठी माई की महिमा निराली,
सूरज देव की पूजा है प्यारी।
उगते सूरज को अर्घ्य है देते,
सच्चे मन से व्रत ये हैं करते।
सजते हैं घाट, झूमे हैं मन,
हर घर में बसी है श्रद्धा की धुन।
नदी किनारे दीप जलाएं,
सूरज की किरणें खुशियां लाएं।
कद्दू-भात से होती है शुरुआत,
सूर्य देवता से करते हैं बात।
व्रत की कठिनाई, हर्ष से सहें,
छठी माई से आशीष हम लें।
हर संकट को ये हर लेती हैं,
सबके दुखों को हर लेती हैं।
छठ पूजा का पर्व है पावन,
सभी के जीवन में लाए अमन।
तो आइए मिलकर करें ये व्रत,
छठी माई की कृपा मिले हर पल।
सूरज की रोशनी सुखदाई,
छठ पूजा से हो सबकी भलाई।
जय छठी माई!
अनुज प्रताप सिंह सूर्यवंशी
पूरनपुर पीलीभीत उत्तर प्रदेश