ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्।

जय जय जय मां जगदंबा, हम आए शरण तुम्हारे हैं।

जय माता दी

जय जय जय मां जगदंबा,
हम आए शरण तुम्हारे हैं। 
करदो दया कुछ हम सब पे,
सभी यहां दुखियारे हैं।।
१-त्रिकुट पर्वत पर भवन तुम्हारा,
होती जय जय कार सदा-२।
दर्शन हित अर्जी स्वीकार करो,
मां हम भी तेरे सहारे हैं २।।

करदो दया कुछ हम..............
२-देवों ने तुम्हारी की भक्ति,
ऐसी है मां तुममे शक्ति-२। 
सारा जग झूम रहा देखो, 
गूंजे मां के जयकारे हैं २।।

करदो दया कुछ हम................ 
३-ज्ञान ध्यान की देवी तुम हो,
 अंन धन की तुम ही दाता हो - २।
करती कल्याण सदा सबका, 
जो आते द्वार तुम्हारे हैं २।।

करदो दया कुछ हम............... 
४-चरणों की रज पाकर मइया,
 हो जाते हैं दु:ख दूर सभी-२।
जिस घर में मां वास करो,
हो जाते दूर अंधियारे हैं २।।

करदो दया कुछ हम............. 
५-तुम्हरी महिमा ऐसी मइया, 
राजा भी नंगे पाव गए-२,
सबके सारे दु:ख हर लेती, 
जो आते हांथ पसारे हैं २।।

करदो दया कुछ हम.............
६-दीनन की तुम माँ जगतारिणि,
भक्तन की तुम भव तारिणि हो २।
माँ करती कल्याण सदा सबका,
जो जिस श्रद्धा भाव पुकारे हैं २।
करदो दया कुछ हम सब पे सभी यहां दुखियारे हैं।।

                      गिरिराज शर्मा
                     ठेठ मलिहाबादी

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