विश्व के 12 ज्योतिर्लिंग मे से एक सोमनाथ ज्योतिर्लिंग का यह मंदिर (धाम) संसार भर में प्रसिद्ध है. साथ ही यह 12 ज्योतिर्लिंगों में पहला ज्योतिर्लिंग है. ऐसा मन जाता है कि, भगवान शिव सर्वप्रथम यही प्रकट हुए थे. यह मंदिर हिन्दू देवता भगवान शिव को समर्पित एक पवित्र धाम है. यहाँ भक्तगण, श्रिदालु और पर्यटक हर साल लाखो की संख्या में सोमनाथ (शिवजी) के दर्शन करने आते है. सोमनाथ मंदिर का इतिहास बेहद उतार चढाव भरा रहा है. इस मंदिर पर मुस्लिम आक्रमणकारियों ने 17 बार हमले किए थे. और यहा के खजाने को लूट कर साथ ले गए थे. इस आर्टिकल (history of somnath temple in hindi ) में आप सोमनाथ मंदिर के बारे में बहुत कुछ जानने वाले है.
ज्योतिर्लिंग का अर्थ (meaning) है – ‘स्तंभ या प्रकाश का स्तंभ’ (pillar of light). ‘स्तंभ’ एक प्रतिक है जो कि, दर्शाता है कोई शुरुआत या अंत नहीं है. एक बार की बात है ब्रह्मा जी और भगवान विष्णु के बीच इस बात पर बहस हुई कि सर्वोच्च देवता कौन है. इस बहस का अंत नही हो रहा था. तभी भगवान शिव प्रकाश स्तंभ के रूप में प्रकट हुए और इस बहस का प्रत्येक से अंत खोजने को कहा. ऐसा माना जाता है कि जिन स्थानों पर प्रकाश के ये स्तंभ गिरे थे, वहां ज्योतिर्लिंग की स्थापना हुई. इंडिया में 12 ज्योतिर्लिंगों में सबसे पवित्र सोमनाथ ज्योतिर्लिंग है. अन्य ज्योतिर्लिंग वाराणसी, रामेश्वरम तीर्थ, द्वारका, सोमनाथ, नागेश्वर, त्र्यंबकेश्वर, घृष्णेश्वर, औंधा नागनाथ, परली बैद्यनाथ, रामेश्वरम, ओंकारेश्वर, केदारनाथ में स्थित हैं |
सोमनाथ मंदिर को विभिन्न मुस्लिम आक्रमणकारियों द्वारा कई बार (करीब 17) लूटा और ध्वस्त किया गया है. – अल जुनैद, गजनी के महमूद (1024), अफजल खान, अला-उद-दीन खिलजी (1296), मुजफ्फर शाह (1375), महमूद बेगड़ा (1451) और बाद में औरंगजेब द्वारा (1665) |

कई हिन्दू शासकों ने सोमनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण किया. उज्जैनी के शासक विक्रमादित्य ने (लगभग 2500 साल पहले), वल्लभी राजा ने (480-767 ईस्वी की अवधि में), अन्हिलवाड़ा के भीमदेव ने (11 वीं शताब्दी ईस्वी में), और जूनागढ़ के राजा खंगारा ने (1351 में) एडी) कई अन्य लोगों के बीच. इस मंदिर का लगभग 7 बार पुनर्निर्माण किया जा चूका है. आधुनिक सोमनाथ मंदिर का निर्माण भारत के लौह पुरुष एव पूर्व उप प्रधान मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल ने 1947 और 1951 के बीच बलुआ पत्थर से किया था |
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