ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्।

हरियाली तीज पर्वोत्सव-कवियत्री प्रतिभा पांडेय

विषय:- हरियाली तीज पर्वोत्सव

शीर्षक:- सौभाग्य मिले



हाथों की मेंहदी, आँखों का काजल,
तीज का त्यौहार, बरसते नेह बादल ।

सावन मनभावन दिल का लुभावन 
सलामत रहे सजना, हूँ व्रत तीज पावन ।

कंगन चूड़ी खनके, प्रेम रस भरके 
शिव-पार्वती की जैसे जोड़ी बनके ।

पैरों में पाजेब महावर, माथे बिन्दी सजती रहे 
मांग में सिन्दूर विराजे प्रतिभा गीत गाती रहे ।

मेरा सोलह श्रृंगार सईया के लिए 
व्रत हूँ पावन तीज त्यौहार सईया के लिए ।

तन, मन, धन सब तुझपर अर्पित करती हूँ 
कर्म, वचन, से तुमको अपना वरण करती हूँ ।

चलता रहे खुशहाल जीवन हृदयपूर्ण स्नेहिल 
मिलता रहे प्रेम से प्रेम का यूंही मंजिल ।

दीर्घायु हो साजन वरदान मिले,
सदा सुहागन का सौभाग्य मिले......|

रचना मौलिक, अप्रकाशित,स्वरचित और सर्वाधिकार सुरक्षित है|



प्रतिभा पाण्डेय "प्रति"
चेन्नई

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