ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्।

शिक्षित होकर बिगुल बजाओ-अर्कवंशी पंकज सिंह दिनकर

शिक्षित होकर बिगुल बजाओ

जुल्म इतना बुरा नही,
जितनी बुरी खामोशी है।
बोलना सीखो  वरना,
पीढियां गूंगी हो जाएंगी।
अपने अधिकारों पर लड़ना सीखो,
वरना सुविधाओं से वंचित रह जाओगे।
शिक्षित होकर बिगुल बजाओ,
वरना समाज में अकेले रह जाओगे।
नही पड़ो आडंबर में ,
सत्य मार्ग पे चलते जाओ।
वरना भटकते रह जाओगे।
पदचिन्हों पर मात पिता के, 
अपने कदम बढ़ाओ तुम।
शिक्षा का हथियार उठा लो,
जगमग ज्योति जलाओ तुम।
दूर अंधेरा शिक्षा करती,
शिक्षा को अपनाओ नित।
वरना अधूरे रह जाओगे।
कलम उठालो इन हाथों में,
लिख डालो इतिहास।
वरना इस संसार मे होवेगा परिहास।
दिनकर की किरणों से सीखो,
जग में नित्य चमकना।
वरना इस कलिकाल में तरसते रह जाओगे।।


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स्वरचित✍️
पंकज सिंह "दिनकर"
(अर्कवंशी)लखनऊ उत्तर प्रदेश
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