ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्।

कसम-कलम से✍️ कमलेश कुमार कारुष मिर्जापुर

कसम

कसम से कसम से,
कसम  मत  खाओ।
कसम पूरा ना होता,
कसम को ना लाओ।।

कसम को ना लाओ,
आओ कसम  वालों।
कसम एक  बला  है,
कसम को  ना डालो।।

हो कसम  देश सेवा,
जो कभी  ना भसम।
कसम है  एक वादा,
ओ कसम से कसम।।

कलम से✍️
कमलेश कुमार कारुष 
मिर्जापुर

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