ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्।

हम हिन्दी,हिन्दू,हिन्दुस्तान हैं।-प्रतिभा पाण्डेय "प्रति" चेन्नई

शीर्षक:- हम हिन्दी,हिन्दू,हिन्दुस्तान हैं।
आशा ही जीवन है,
जीवन ही प्रेम है,
प्रेम ही साहित्य है,
साहित्य से हम हैं,
हम सब से समाज है।

समाज से परिवार है,
परिवार से संस्कार है,
संस्कार से संस्कृति है।
संस्कृति से देश की पहचान है,
देश हमारा अभिमान है,
अभिमान ये है कि,
हम हिन्दी, हिन्दू, हिन्दुस्तान हैं,।

वीर जवान हिन्दुस्तान की शान हैं,
वीरों की बदौलत ही मेरा देश महान है।
महान हिन्दू धर्म के रक्षक राम हैं, 
रामराज्य बनना,
 सनातन का पुनः उत्थान है। 
पुनः उत्थान ही जीवंत जीवन है,
जीवन का आधार समस्त से प्रेम है |

(स्वरचित)
प्रतिभा पाण्डेय "प्रति"
चेन्नई

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