ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्।

इम्तहान- सरल कुमार वर्मा


अब इम्तहान जीस्त में आया है दोस्तो
मुद्दत हुई फिर तुमको पुकारा है दोस्तो

बिक रहे हैं इस कदर रिश्ते सरे बाज़ार
रिश्तों की फिर मेयार बनाना है दोस्तो 

रुतबा सही पैसा सही यकी नहीं रहा
एक तुम नहीं तो सब नकारा है दोस्तों

पराए भी होते तो कोई गम नहीं होता
इंसा नहीं तो किसका सहारा है दोस्तो

तन्हा किया है इस कदर पैसे ने जिंदगी
तुम्हारे संग मुफलिसी गवारा है दोस्तो

मुर्दों की तरह जीने में लुत्फ नहीं"सरल"
जिंदा दिली में नाम तुम्हारा है दोस्तो

                            सरल कुमार वर्मा
                              उन्नाव, यूपी
                           

Post a Comment

0 Comments