ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्।

प्रेरणा पुंज आभा में, हिंद धरा अभिजागर -महेन्द्र कुमार

(संविधान दिवस _26 नवम्बर,2023 )
""""""""""""""""""""""""""""""
प्रेरणा पुंज आभा में, हिंद धरा अभिजागर 
*****************************
यथार्थ स्वतंत्रता परम प्रहरी,
हर नागरिक हित रक्षक ।
शासन प्रशासन उत्तम सेवा,
अंकुश राष्ट्र संसाधन भक्षक ।
लिखित प्रथम वैश्विक पटल,
सांविधिक समाहर्ता महासागर ।
प्रेरणा पुंज आभा में, हिंद धरा अभिजागर ।।

अनूप प्रयास अंबेडकर,
सर्व वर्ग हितार्थ अहम काज ।
प्रावधान अधिकार कर्तव्य संग,
नीति निर्देशक तत्व सरताज ।
दो वर्ष ग्यारह मास अठारह दिन,
अनुपम अवधि सृजन आदर ।
प्रेरणा पुंज आभा में, हिंद धरा अभिजागर ।।

वर्तमान  चार सौ सत्तर अनुच्छेद,
बारह अनुसूचियां पच्चीस भाग छवि ।
अनुपालन नैतिक धर्म हर नागरिक,
समता समानता नारी वंदन ओज रवि ।
सर्व धर्म समभाव अंतर चेतना,
बन प्रगति उन्नति उल्लास चादर ।
प्रेरणा पुंज आभा में, हिंद धरा अभिजागर ।।

सांविधिक मूल्य सदा शीर्ष,
निष्पक्ष निर्भीक परिवेश निर्माण ।
अभिरक्षा लोकतंत्र आस्था विश्वास,
गणतंत्र  साधना पथ निर्वाण ।
अति आह्लाद प्रसरण कारक,
स्नेह प्रेम भाईचारा दिव्य गागर ।
प्रेरणा पुंज आभा में, हिंद धरा अभिजागर ।।

महेन्द्र कुमार
(स्वरचित मौलिक रचना)

Post a Comment

0 Comments