ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्।

तेरी दोस्ती -नौशाबा जिलानी सूर्या

........तेरी........
तेरी दोस्ती बहुत प्यारी ,
सबसे न्यारी है।।

दोस्त यह अहसास है,
दोस्त भी तो खास है।।

यह दोस्ती,
किसी मुलाकात की मोहताज नहीं,
इसमें हर लफ्ज़,
बया करने की जरूरत नही।।।

दर्द में आंसू यह पोछती है दोस्ती,
खुशी मे संग मुस्कुराती है दोस्ती।।

बस वादा कर,
एक इरादा कर।
दोस्ती को यू तोला नहीं करते,
प्यारी दोस्ती छोड़कर ,
बेतुकी खयाल लाया नही करते।।

इस खूबसूरत दोस्ती को ,
बदला नहीं करते,
साथ चल नहीं सकते ,
मगर संग दोस्ती के वादों को भुला नहीं करते।।।

...........................................
नौशाबा जिलानी सुरिया

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