दिल की धड़कन एक लयबद्ध ताल,
रक्त के प्रवाह में ऊर्जा का हाल।
सिंपैथेटिक नर्वस सिस्टम ने किया इशारा,
पर वो न समझ सके प्रेम का किनारा।
डोपामिन का स्तर बढ़ा हर बार,
जब भी देखी उनकी प्यारी सूरत यार।
पर न्यूटन के गति नियम क्या करें,
जब गुरुत्वाकर्षण में बंधा मन थम न सके?
प्रकाश की किरणें आंखों से टकराईं,
फोटोरेसेप्टर्स ने छवि बनाई।
मस्तिष्क ने सिग्नल भेजा हर बार,
पर वो न समझ सके दिल के जज़्बात का व्यापार।
केमिकल रिएक्शन से बना प्रेम का यह सूत्र,
पर उनके दिल में था बस कोई और तत्व।
रसायन, भौतिकी सबने दिया साथ,
फिर भी अधूरी रह गई दिल की बात।
अनुज प्रताप सिंह सूर्यवंशी
पूरनपुर पीलीभीत उoप्रo
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