ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्।

सफल स्वभाव का रहस्य-कमलेश कुमार कारुष मिर्जापुर

सफल स्वभाव का रहस्य

लोहे  को  लोहा  ही  कटता,    
पर   दोनों   में   अति  अंतर।
एक   गरम  तो   एक   ठंडा,
जहं काट रहस्य छिपा मंतर।।

गरम  लौह  होता   कमजोर।
होता   ठंडा   अति   मजबूत।
अतः गर्म कट  जात असानी,
काटे    ठंडा    लगाके    बूत।।

यही   बात  मानव  पर  लागू,
जहं  पर  कोई  गर्म  स्वभाव।
कोई   ठंड   आदती   मानुज,
जिनके उच्च कोटि  के  भाव।।

गरम स्वभावी  होते असफल,
होता   जिनका   शीघ्र  पतन।
पर शांत स्वभाव ठंड आदती,
सोच  समझके   करे   जतन।।

गर्माहट  क्रोधों   की  ज्वाला,
करती है  अति  जीवन  नाश।
कारुष   ठंड  शील  स्वभावी,
सदा   सफलता  पाते  खास।।

कलम से✍️
कमलेश कुमार कारुष 
मिर्जापुर

Post a Comment

0 Comments