नेताजी
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बोल बचन बेउहार खाइगीं नेताजी।
देश केर सँस्कार खाइगीं नेताजी।।
गोबर कोइला चारा खाए भूँखै हां।
नाला नदी पहार खाइगीं नेताजी।।
जाति पांति का जहर घोरि कै मनईं मा।
जन जन केहीं प्यार खाइगीं नेताजी।।
खोंटि खोंटि कै खातै लाहां भाजी कस।
छांड़िन लाज ओहार खाइगीं नेताजी।।
मन्दिर खाइन मस्जिद खाइन एहूँ पर।
गिरिजाघर गुरुद्वार खाइगीं नेताजी।।
गइया बकरी भँइसी खाइन मनईं का।
नोंचिन नोंचि सिकार खाइगीं नेताजी।।
रुपिया सोन समुन्दर भुइंया खाइन धै।
रोजगार बइपार खाइगीं नेताजी।।
खाइन सलगा देश दलाली सउदा कइ।
सैना का हँथियार खाइगीं नेताजी।।
इनहूँ कै गुन कतना गाई बेढ़ परइ।
अमराई महुआर खाइगीं नेताजी।।
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राघव प्रसाद विश्वकर्मा "राघव"
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