ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्।

टूटा हुआ दिल लिए-तुलसीराम 'राजस्थानी'

टूटा हुआ दिल लिए
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टूटा हुआ दिल लिए, प्यार  रोता रहा
जख्म लिए गहरा, दिलदार रोता रहा

मांगा था तुझसे, मुस्कान  भरा सवेरा 
गमों का अंधियारा, साकार होता रहा

हम बैठे रहे यूं, राहों में पलकें बिछाए
तेरे आने का नित, इंतजार  होता रहा

दिल गया दिल के, अरमां भी चले गए
तन्हाई में यूं दिल,  बेकरार  होता रहा

कोशिशें की लाख, तुझे  भूल जाने की
यादों में 'राजस्थानी', हरबार खोता रहा
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✍️- तुलसीराम 'राजस्थानी'

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