ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्।

तु कोन है मेरे लिए-नौशाबा जिलानी सुरीया

......तु कोन है मेरे लिए....
कैसे बतावू तु कोन हे मेरे लिए, 
तु क्या है मेरे लिए ||

बचपन का रंगबिरंगी किस्सा है तू 
दिल के करीब का हिस्सा है तु

कड़कती धूप मे छाव है तू 
मेरे लिए एक हंसी शाम है तू 

ऐ दोस्त! अंधेरे  का उजाला है तू 
दिल की खुशियों का ताला है तू

आंखों मे हर वक्त आये वह ख्वाब है तू 
मेरे हर सवाल का जवाब है तू 

 मेरे जिवन का अनमोल खाजाना है तू 
 पहली मोहब्बत का फसाना है तू

ऐ दोस्त ! पतंग की डोर है तू 
मेरे दिल मे बसा हुआ शोर है तू

जिंदगी जीने का सलीका सिखाया तुने
अपनी मंजिल पे  चलना बताया तुने

अब कोई और नहीं तेरे दिल के सिवा
ऐ दोस्त ! मेरा आज भी तू मेरा कल भी तू 
…...............................
नौशाबा जिलानी सुरीया~

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