आदर्शवाद
आदर्श हमारे जीवन का,
निधी अमूल्य खजाना है।
शैक्षिक जीवन बनाके अनुपम,
सद मंजिल को पाना है। ।
जागो जागो सभी बन्धुओं,
जुट जाओ अभियान में ।
उत्कर्ष का उत्तम पथ चुनकर,
रम जाओ सम्मान में। ।
मिट जाएंगे हर सारे गम,
जब भरेगा दम सद शिक्षण का।
उपजेगा तर्कों का संग्रह,
मिलेंगी खुशियाँ क्षण क्षण का।।
उपजित ह्दय भाव से भावना,
करती पुलकित तन मन को ।
मिले सफलता नेक कार्य का,
जदि खुशी मिले हर जन जन को।।
मेरे सभी बन्धुओं मिल सब,
बन जाओ आदर्श सुमन।
के के कारुष रचित लेखनी,
खिलती देखो लाइफ चमन। ।
रचनाकार
कमलेश कुमार कारुष
बबुरा रघुनाथ सिंह
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