ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्।

सरल कुमार वर्मा उन्नाव उत्तर प्रदेश


अश्क भर  आए  सुनकर  तराना  दिल का
अब आसान नहीं दिल से निभाना दिल का

रंज होती है  शक्ल की  शक्ल से जमाने में
रंजिश में साधा जाता  है निशाना दिल का

दुनिया में अपने किस्से  सुनाता है हर कोई
आओ  चलो आज  छेड़े  फ़साना दिल का

तंज कसती हैं मोहब्बत के नाम पर दुनिया
मुश्किल है  करना बयां अफसाना दिल का

दिल से फरेब  की कोई इंतहा नहीं " सरल"
बड़ा आसान है कुसूरवार ठहराना दिल का

                              सरल कुमार वर्मा
                                    उन्नाव,यूपी
                                

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